बकरी को गरीब की गाय के नाम से भी जाना जाता हैं। बकरी पालन आज के दिन में बहुत प्रचलित हो गया हैं इसको पालन करने वाले अधिक मुनाफा कमाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि देश के ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन का काम लगातार बढ़ता जा रहा है।...
और पढ़ेंभारत में भेड़ की कई नस्लों का पालन किया जाता हैं। देश में लगभग 20 से ज्यादा भेड़ो की नस्लें पाई जाती हैं। भेड़ का इस्तेमाल कपडे कालीन और मटन बनने के लिए किया जाता हैं इसलिए देश की अर्थव्यवस्था में भी भेड़ का बहुत योगदान हैं। इन सभी बातों को देखते हुए आज ...
और पढ़ेंभारत में कई प्रकार के पशुओं का पालन किया जाता हैं। सूअर भी इन में से एक हैं, जी हां भारत में सूअरों का पालन बड़े पैमाने पर किया जाता हैं। भारत में सूअरों की विविध आबादी पाई जाती हैं। अभी तक देश में चौदह स्वदेशी सुअर नस्लों की पहचान की गई है और उन्हें ...
और पढ़ेंभारत कृषि प्रधान देश है, जिसमें कृषि के अलावा पशुपालन भी होता है। देश में बहुत सारे दुधारू पशु पालन किए जाते हैं। दुधारू पशुओं में गाय सबसे अहम है। भारत में कई गायों की नस्ले मिलती हैं। इसमें विलायती और देशी गाय दोनों शामिल हैं।...
और पढ़ेंमुर्गी पालन भी किसानों को फसलों के विविधिकरण और मिश्रित खेती में फायदेमंद है। यदि मुर्गियों में बीमारी नहीं आती हैं और मुर्गियों का अच्छा मूल्य मिलता है तो यह व्यवसाय परिवार के पालन-पोषण में काफी मदद कर सकता है।...
और पढ़ेंयह गाय अपनी भारी काम करने की क्षमता और खराब चारे पर भी जीवित रहने की विशेषता के लिए जानी जाती है। मधुबनी, दरभंगा और सीतामढ़ी जिले इस नस्ल का मूल क्षेत्र हैं। लेकिन, प्रजनन क्षेत्र के सिकुड़ने के कारण, अब बछौर नस्ल की गाय नेपाल सीमा के पास वाले क्षेत्...
और पढ़ेंबद्री नस्ल पहाड़ी क्षेत्र में पाली जाने वाली गाय की नस्ल हैं। इस नस्ल को दोहरे उद्देश्य वाली ‘देसी’ मवेशी नस्ल में गिना जाता हैं। बद्री नस्ल की गाय को दूध देने और भार ढोने के उद्देश्य से पाला जाता है।...
और पढ़ेंकोरोना वायरस महामारी के बीच एक और वायरस ने दस्तक दी थी। इस वायरस की चपेट में आने से अब तक हजारों मवेशी काल के गाल में समा गए। सरकारी रिपोर्ट की मानें तो 50 हजार से अधिक गायों और भैंसों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, लाखों की संख्या में मवेशी लंपी वायरस की...
और पढ़ेंकिसान भाइयों सर्दियों ने दस्तक दे दी है। अब ऐसे में फसलों के साथ साथ पशुपालकों को अपने मवेशियों की भी बेहद देखभाल रखने की जरूरत है। पशुपालकों को तापमान में गिरावट से बढ़ती ठंड के चलते बकरियों के स्वास्थ्य और उत्पादकता के लिए कठिनाइयों का सामना करना प...
और पढ़ेंपशुपालकों को कभी ना कभी अपने पशुओं में किलनी, जूँ और चिचड़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पशुओं में विभिन्न प्रकार के रोग तो आमतौर पर पहचान में आ जाते हैं। परंतु, यदि पशु के शरीर में जूँ, चिचड़, किलनी आदि लग जाए तो ऐसी हालत में पशुपालकों को आसा...
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